11 जून 2017 को वर्षा जल सरंक्षण के प्रयोग का अवलोकन करते हुए नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द जी कृपलानी । रामस्नेही अस्पताल भीलवाड़ा के बावड़ी , कुआं व बोरिंग को बताते हुए अपना संस्थान के सचिव विनोद मैलाना ।
अनुरोध पत्र जो दिया गया उसके बिंदु :-
1. पुराने कुए, बावड़ी, बोरवेल, तालाब, खराब हैडपम्प आदि को सुरक्षित सम्पदा घोषित किया जाय । इनको मिट्टी, कचरे आदि से नही भरने के सरकारी निर्देश जारी कीये जाय । इनकी सफाई कराने के बाद निकट के वर्षाजल में डालने की व्यवस्था की जाय ।
2. सड़को के डिवाईडर को नीचे से सी.सी न करके कच्चा ही रखा जाय जिसमे बड़े पेड़ लगाये जाय जैसे कि जोधपुर में है ।
3.शहरों की सड़कों के दोनों ओर सी.सी न करके सीमेंट के ब्लॉक लगाया जाय जिनमें बड़े पेड़ लगाने के लिए 2-3 फिट का घेरा छोड़ा जाय
4. पेड़ बड़े हो जाने के कारण जहाँ ट्री गार्ड की आवश्यकता नहीं रह गई है ऐसे ट्री गार्डों को निकालने की व्यवस्था की जाय ।
5. राजस्थान के पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन के अभाव में फलभक्षी पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है अतः जैव विविधता की दृष्टि से फलदार पौधे अधिक मात्रा में लगाये जाय ताकि वर्ष पर्यन्त पक्षियों को भोजन मिल सके और ऐसे पक्षियों की संख्या में वृद्धि हो सके ।